tag:blogger.com,1999:blog-3760620093039171653.post7070433180196975717..comments2010-08-04T20:56:39.842-07:00Comments on my dreams: ''मन का दर्द ''geethttp://www.blogger.com/profile/09960559394425718598noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3760620093039171653.post-22675558797605750282010-08-04T20:56:06.702-07:002010-08-04T20:56:06.702-07:00This comment has been removed by the author.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760620093039171653.post-58665738227842423652010-07-07T08:37:18.602-07:002010-07-07T08:37:18.602-07:00बेशक तुम अपने अस्को का क़र्ज़ चुकाओ
खुल कर तुम आज मे...बेशक तुम अपने अस्को का क़र्ज़ चुकाओ<br />खुल कर तुम आज मेरी बदहाली का जश्न मनाओ<br />जितना चाहे मुझे बिरह कि आग में जलाओ<br />पर बस मेरी ये बात सुनती जाओ<br />हम दूर गए ताकि पास आने का आनंद मिल सके<br />बस ये सुनते जाओ कि<br />हमने भी तेरा साथ नहीं छोड़ा था<br />बस एक अदना सा वादा तोडा था<br /> जिस सपने को मिलकर देखा था हमने<br />उसका एक जर्रा तोडा था<br />मैंने तेरा साथ नहीं छोड़ा था <br />थोड़ी सी गलती तेरी थी<br />और उसमे मेरा हिस्सा थोडा थाAnand kumarhttps://www.blogger.com/profile/03843116980807526489noreply@blogger.com